मेडिटेशन (ध्यान ) कैसे किया जाता है

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यदि आप मेडिटेशन अथवा ध्यान लगाना चाहते हैं परंतु आपको ज्ञात नहीं है ध्यान कैसे लगाया जाता है तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं आज हम आपको विषय पर जानकारी देंगे ध्यान प्रारंभिक अवस्था में कैसे किया जाता है यदि आप पहली बार हमारे ब्लॉग ज्योतिष और धर्म विजिट कर रहे हैं कृपया इसे फॉलो जरूर करें आपको ऐसी ही जानकारियां ज्योतिष और धर्म से रिलेटेड मिलती रहेगी तो चलिए शुरू करते हैं कि मेडिटेशन या ध्यान कैसे किया जाता है
Photo by Prasanth Inturi from Pexels


Photo by Prasanth Inturi from Pexels


ध्यान  कैसे लगाया जाता है

 प्रारंभिक अवस्था में ध्यान लगाना बहुत ही मुश्किल कार्य होता है  यदि आप  नियमित रूप से इसका अभ्यास करेंगे  अवश्य ही सफल हो जाएंगे  तो कृपया धैर्य बनाए रखें और इसका निरंतर अभ्यास करें  ध्यान करने के लिए सबसे पहले आपको  शांत  वातावरण की आवश्यकता होगी   ध्यान करने के लिए  सबसे पहले आप   इसी जगह का चुनाव कर ले  जो बिल्कुल शांत हो  और कोई वहां पर आपको  डिस्टर्ब ना कर  सके 
                        

 जगह का चुनाव करने के बाद  आसन बिछाए  और  उस आप आराम से  पालथी मारकर बैठ जाए  यदि किसी वजह से आप ऐसे नहीं बैठ सकते  तो  किसी सोफे या कुर्सी पर भी बैठ सकते हैं  अब अपनी कमर सीधी कर ले  और ध्यान की मुद्रा में बैठ जाएं  अपनी आंखें बंद करें  और ध्यान बिल्कुल  दोनों नेत्रों के बीच में लगाएं  सबसे आसान विधि है 

 ध्यान में मन क्यों नहीं लगता 

 जब भी कोई व्यक्ति ध्यान करने बैठता है  सबसे पहले  सामने यही समस्या आती है  उसका मन ध्यान में लगता ही नहीं  और भी परेशान हो जाता है  और ध्यान करना ही छोड़ देता है  परंतु कृपया आप ऐसा ना करें  समस्या अक्सर सबके साथ आती है  पूर्व जन्मों के योगी जन और ध्यानी जन ही आराम से ध्यान लगा सकते हैं  आम मनुष्य को ध्यान लगाने के लिए थोड़ा समय लगता है 
             ध्यान ना लग पाने का मुख्य कारण मानव का मन है  क्योंकि बहुत चंचल होता है  पल भर में इधर से उधर भटकना शुरू हो जाता है  ध्यान लगाते ही कभी कोई समस्या याद आ जाए या  कोई  पुरानी बात  घूमने लग जाएगी  तो आप घबराएं नहीं  और ध्यान के लिए प्रयासरत रहें  ध्यान लगाने का प्रयास करें  प्रारंभ में हो सकता है  10 मिनट का ध्यान  लगाने का प्रयास करने पर  आप केवल कुछ सेकंड या कुछ मिनट का ध्यान कर पाए 

 ध्यान केंद्रित करने के लिए क्या करें 

 यदि आप किसी देवी देवता का ध्यान लगाना चाहते हैं  तो आप उनका चित्र अपनी आंखों के बिल्कुल सामने रखें  और उसे निरंतर 5 मिनट तक देखते रहे  फिर धीरे से आंखें बंद करें  और दोनों आंखों के मध्य में उसी छवि को देखने का प्रयास करें  सब आंखें बंद करके ही करना है  आप पाएंगे कि ऐसा करते करते  आपका ध्यान केंद्रित होना शुरू हो  गया है 

अगर आप किसी देवी देवता का ध्यान नहीं लगा रहे  फिर भी आप मेडिटेशन करना चाहते हैं  तो आप सांसो पर ध्यान केंद्रित कीजिए  सांस खींचने उसे रोकने और दोबारा उसे छोड़ने की प्रक्रिया पर ध्यान दें  इससे भी आपका ध्यान केंद्रित होना शुरू हो जाएगा 


ध्यान अथवा मेडिटेशन कितने बजे करना चाहिए 

 यूं तो ध्यान कभी भी किया जा सकता है  इसके लिए आप  समय  निश्चित कर ले  सुबह के समय ध्यान 3:00 से 7:00 तक किया जा सकता है  और रात को 10:00 बजे के बाद किया जा सकता है  क्योंकि इस समय  वातावरण  शांत होगा  और आपको ध्यान लगाने में आसानी होगी 

 मेडिटेशन कितने  समय तक करना चाहिए 

 यह सवाल अक्सर ही आपके मन में आता होगा  कि मेडिटेशन या ध्यान कितने समय तक करना चाहिए  मेडिटेशन को प्रारंभिक अवस्था में 5 मिनट तक करना चाहिए  अब आपका ध्यान लगना शुरू हो जाए  आप इसे धीरे-धीरे रोज बढ़ा भी सकते हैं 

 ध्यान में क्या-क्या अनुभव होते हैं 

 ध्यान में अक्सर लोगों को ठंडक या गर्मी महसूस होते हुए देखा गया है  आंखों में पानी आता है  सिर भारी होने लगता है  नींद का अनुभव होता है  तू नींद से बचना चाहिए  ध्यान लगाते समय हमारी  सुषुम्ना  साड़ी एक्टिव हो जाती है  उसको सपने में आने वाली  घटनाओं का ज्ञान होना शुरू हो जाता है  

कभी-कभी उससे कुछ डरावने दृश्य  और सपने भी दिखाई पड़ सकते हैं  परंतु घबराए नहीं  यह पूर्व जन्मों के कुछ को संचित कर्म है जो आपको दिखाई पड़ रहे हैं  आप समझे कि उसकी अंतिम झलकी आपको दिखाई पड़ रही है और आपकी आत्मा निर्मल होती जा रही है 


मेडिटेशन करने से क्या होता है - ध्यान के लाभ

 यूं तो मेडिटेशन करने की अनेकानेक लाभ है  मैं कुछ लाभ आपके सामने प्रस्तुत करने जा रही हूं  ध्यान लगाने से आखिर हमें क्या लाभ होता है 
  •  गुस्सा शांत करने के लिए ध्यान  एक बहुत ही उपयोगी  आधार है 
  •  ध्यान से चित्त शांत होता है 
  •  एकाग्रता बढ़ती है 
  •  इंसान धैर्यवान बनता है 
  •  बेचैनी की समस्या दूर होती है 
  •  मनुष्य गहरी नींद ले पाता है 
  •  मनुष्य में भटकाव कम होने लगता है 
  •  यदि ध्यान उच्चस्तरीय पहुंच जाए  मनुष्य में  देवी शक्तियां भी उत्पन्न हो जाती है  आने वाली घटनाओं को भी जान सकता है 
  •   उच्च स्तरीय ध्यान से  रोग भी ठीक किए जा सकते हैं
  •  मनुष्य में आकर्षण शक्ति उत्पन्न हो जाती है 
  •  ध्यान लगाने से हम अपने मनोवांछित इच्छाएं भी पूरी कर सकते हैं  क्योंकि इस समय सुषुम्ना नाड़ी  ठीक हो जाती है  और उस समय सोचा गया कार्य पूर्ण हो जाता है 
  •  ध्यान से मोक्ष का मार्ग संभव हो सकता है 
  •  मानसिक शक्ति प्रबल होती है 
  •  बच्चों का मन पढ़ाई में लगने लगता है 
  •  ध्यानी  व्यक्ति पर  पर कुंडली के ग्रह दोष का कोई असर नहीं होता  यदि जीवन में कुछ बुरा भी होगा तब भी उसका बचाव होना शुरू हो जाएगा  क्योंकि उसे ईश्वरीय कृपा प्राप्त होने शुरू हो जाती है 
 अंत समय में भी  मनुष्य जिस तरह का ध्यान करता है  उसी तरह उसका अगला जन्म होता है  अगर मनुष्य भगवान का ध्यान करते हुए मरता है या भगवान का नाम लेते हुए मरते हैं तो निश्चित ही वह भगवान को प्राप्त कर लेता है  और उसका पुनः जन्म नहीं होता  इससे आप समझ ही गए होंगे कि ध्यान कितना महत्वपूर्ण है 

 नोट 

 ध्यान हमेशा शांत वातावरण में करें  ध्यान करते वक्त आप किसी मंत्र का जाप भी कर सकते हैं  ध्यान करने के बाद आंखों को ठंडे जल के छींटे अवश्य मारे  अथवा  ध्यान के बाद आंखों को एकदम जोर से भीच ले  क्योंकि ध्यान करने से आंखें बहुत गर्म हो जाती हैं  दृष्टि कमजोर होने की संभावना रहती है 

 परंतु यदि  ध्यान करते वक्त आपकी आंखों में से पानी  आए  यह अच्छा संकेत है  इससे आपकी  आंखों की दृष्टि बढ़ जाएगी

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